RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -16-Dec-2022

वतन का रूतबा


वतन के नाम पर लिख आए है 
वो अपने सीने पर गोली खा 
वतन की शान बढ़ा चले आए है 
पूछो कोई उनसे जिनकी जिंदगी का 
लक्ष्य वतन है क्या वह भी किसी से 
कभी डरते है क्या कोई रूकावट कभी 
उनके कदमों में बन बेड़ियां उन अपना 
जीवन न्यौछावर करने से रोक पाई है
वतन को लिख दो ऐसे जवानों के नाम
जो लिख आए है अपना जीवन वतन 
के‌ रूतबे के कोई खोज लाओ वतन का
खोया वह खजाना जो इस मिट्टी में 
जन्मे थे इस मिट्टी के लिए कुर्बान होने को 
वतन का रूतबा सजता है जिन जवानों से
उनका नाम ले वतन‌ भी मुस्कुरा कर उन्हें 
याद कर हर रोज लेहराता है। 
      राखी सरोज 

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10 Comments

बहुत ही उम्दा सृजन

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Gunjan Kamal

17-Dec-2022 02:46 PM

शानदार

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Punam verma

17-Dec-2022 09:43 AM

Very nice

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